उदयसागर का तट । सुन्दर शामियाने तने थे भीतर राजसी ठाठ-बाट से बैठने आदि की व्यवस्था थी। सोने-चाँदी के बर्तनों में भोजन की व्यवस्था की जा रही थी। प्रताप और मानसिंह एक बार मिल चुके थे। प्रताप के सामने मानसिंह ने भी वही प्रस्ताव रखे थे, जो उसके पिता राजा भगवानदास और राजा टोडरमल रख चुके…
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